भैया जी
बालगीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय'
क्यों इतना हो हमें सताते ?
बोलो भैया जी ।
गुलगुल गुलगुल चुन्नू के,
गुलगुली मचाते क्यों?
मुझे पकड़कर, कहो कान में
गाना गाते क्यों ?
क्यों कसकर हो धौल जमाते,
बोलो भैया जी ।
गोलू जब सो जाता, उसके
मूँछ बना देते ।
मोनू भैया के लम्बी-सी,
पूँछ लगा देते।
क्यों ऐसे हो हमें चिढ़ाते ?
बोलो भैया जी ।
कड़ी ठंड में ठंडे-ठंडे,
हाथ लगाते हो।
घुप्प अँधेरे में कोने में,
क्यों छुप जाते हो ?
फिर म्याऊँ कर हमे डराते,
बोलो भैया जी ।
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