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सोमवार, 17 मई 2021

बाल कविता : मेरा नया मित्र-डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'

मेरा नया मित्र
डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'

मैंने पौधा एक लगाया,
उसको अपना मित्र बनाया।

रखता हूँ उसकी निगरानी,
रोज समय से देता पानी।

पाकर हवा चहक उठता है,
पक्षी देख बहक उठता है।

उसके पास बैठ मैं जाता,
खूब देर तक हूँ बतियाता।

कहता मित्र ! बड़ा हो जाऊँ,
फिर तुमको कुछ नया दिखाऊँ।

फूल खिलाऊँ सुंदर-सुंदर,
भरूँ महक से यह सारा घर।

आएं फिर पक्षी अलबेले,
फिर तो रोज लगेंगे मेले।

भौरें गुन-गुन-गुन गाएँगे,
खूब प्यार से मँडराएँगे।

तितली इधर-उधर डोलेगी,
आहट पाकर पर खोलेगी।

देख-देख यह अजब नजारा,
चहकेगा हर मित्र तुम्हारा।

सबके साथ लगाना नारा,
मित्र हमारा कितना प्यारा।
हरिभूमि, 1 अगस्त 2020 


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