कोयल तेरे बोल
बालगीत : नागेश पांडेय 'संजय'
बहुत ही प्यारे लगते हैं री,
कोयल तेरे बोल।
तेरी बोली में मीठी
मिसरी बिखरी,
तान सुरीली है कैसी
निखरी-निखरी।
बोल-बोल में कौन सा मधुर,
घोल रखा है घोल?
अमराई में छिपी, किसे तू
टेर रही ?
मदद करुँ कुछ, बता किसे तू
हेर रही ?
कुहू-कुहू में राज छिपा है,
राज आज तू खोल।
आ जा मेरे आँगन में तू
फुदक-फुदक।
अपनी गाथा सुना, सुनूँ मैं
ठुमक-ठुमक।
कैसे तेरे बोल हुए,
मणियों से भी अनमोल ?
बहुत ही प्यारे लगते हैं री,
कोयल तेरे बोल।
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