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गुरुवार, 15 नवंबर 2012

मेरी नयी पुस्तक : जो बूझे वह चतुर सुजान


 पुस्तक :  जो बूझे वह चतुर सुजान : नागेश पांडेय 'संजय' 
राजकमल प्रकाशन/ज्ञान विज्ञान प्रकाशन 
जी 72, द्वितीय तल, जगतपुरी, दिल्ली -32
मूल्य - 40/- 
संस्करण प्रथम 2012 

  
इसी पुस्तक से कुछ पहेलियाँ आपके लिए ....
1
ढोलक जैसा रूप हमारा,
पकड़ हाथ में मुझे बजाओ।
जो धुन निकले उसमें भैया ,
रू जोड़ो तो उत्तर पाओ।  
2
एक फली है अजब अनोखी,
टक्कर ले बादाम की।
नाम दाल का इसमें आता,
बड़ी बडाई दाम की।
3
एक अनोखी दुनिया मैंने
 देखी  लटकी पेड़ पर।
उस दुनियां के जितने वासी,
सबके अपने-अपने घर।
4
गोल शरीर, पेट में दांत,
गेहूं खूब चबाती हूँ।
लेकिन फिर भी भूखी रहती,
कभी न खुद खा पाती  हूँ।
उत्तर दीजिए ...टिप्पणी के रूप में ......  

7 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बधाई हो।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बधाई हो।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत बहुत बधाई ...

1- डमरू

2- मूँगफली

3---

4 - चक्की

रुनझुन ने कहा…

उत्तर----

(१)डमरू

(२)मूंगफली

(३)मधुमक्खी का छत्ता

(४)चक्की

virendra sharma ने कहा…

सुन्दर बाल पहेलियाँ खुसरो की याद ताज़ा करती हैं -डमरू /मूंफाली /मधुमख्खी का छत्ता (bee hive)/चक्की

प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...