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शनिवार, 27 अगस्त 2011

तारे निकले

शिशुगीत:नागेश पांडेय'संजय'
आसमान में तारे निकले,
देखो,  कितने सारे निकले.
टिम-टिम करते आते हैं ,
अंधकार को खाते हैं .

4 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर।

रुनझुन ने कहा…

छोटी सी..नन्ही सी..प्यारी सी कविता!!!

vidhya ने कहा…

बहुत सुन्दर।

Maheshwari kaneri ने कहा…

सुन्दर और प्यारी रचना.....