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गुरुवार, 2 दिसंबर 2010

सूरज दादा



शिशु गीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय' 


सूरज दादा कहो कहाँ से , 
रोज सुबह तुम आ जाते ? 
और शाम होते ही झट से , 
जाने  कहाँ चले जाते ? 
कहाँ तुम्हारे मम्मी-पापा
कहाँ तुम्हारा है घर ? 
बात करूँगा तुमसे , 
बोलो तो मोबाइल नंबर ?

3 टिप्‍पणियां:

अनूप ने कहा…

सूरज पर आपका शिशुगीत अच्छा लगा.

अनूप शुक्ल ने कहा…

आपकी पुस्तकें धरोहर समान है

शिवम् ने कहा…

वाह ! क्या कहनें ...