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रविवार, 5 दिसंबर 2010

चार दीदियाँ

शिशु गीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय' 

विद्यालय में सात दीदियाँ , 
मुझे  पढ़ाती  हैं  . 
लेकिन चार दीदियाँ ही बस 
मुझको भाती हैं ,
बाकी तो गुस्सैल  बहुत हैं ,  
करती हैं डाँटा .  
कान उमेठा करती कसकर ,
जड़ देती चाँटा 

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