पुस्तक: आधुनिक बाल कहानियां ,
प्रकाशक : दर्पण प्रकाशन , शाहजहांपुर ,
मूल्य : ६ रुपया मात्र ,
संस्करण : १९९५, प्रथम ,
इस पुस्तक में बालकों के आधुनिक परिवेश की कुल ६ कहानियाँ है -
नेहा ने की बाल सभा , संगति का असर,चिडचिडापन दूर हुआ ,
कही ऐसा हो तो , यह क्या हो गया , सुनहरा पेन .
पुस्तक की भूमिका के बहाने इसमें एक कविता भी है -
क्यों कहानिया तुमको भाती ?
इस पुस्तक का विमोचन द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
ने कानपुर में किया था .
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