हमारे सम्मान्य समर्थक... हम जिनके आभारी हैं .

बुधवार, 15 अप्रैल 2020

कविता 'हारेगा कोरोना'

हारेगा कोरोना


कविता : डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'

हारेगा कोरोना बिल्कुल
हारेगा कोरोना।

सच है, कोरोना के आगे
बनी हुई लाचारी।
सारी दुनियाँ कोशिश पर
कोशिश करके है हारी।

लेकिन आशावान रहे हम,
मन से आहत हो ना

धोकर हाथ चलो अब इसके
पीछे हम पड़ जाए।
इसको विफल करेंगे मिलकर,
 हम सब अब अड़ जाएं।
ध्यान रहे अपने हाथों को
बार बार है धोना।

कोरोना को नहीं पता है,
जाति धर्म मजहब क्या?
यह तो जीवन का दुश्मन है,
समझ गए हो अब क्या?

इसको अवसर अगर दिया तो,
बहुत पड़ेगा रोना।

मन के हारे हार सदा है,
मन के जीते जीत।
मन के तारों से हम छेड़े,
जीवन का संगीत।
मन उपवन में आशाओं के,
सुमन हजारों बोना।

रहें सजग हम, सावधान हम,
दुश्मन बहुत बली है।
एक बड़ी आबादी इसने,
पल भर में निगली है।
कैसे यह कमजोर बने अब,
शपथ हृदय से लो ना।

घर पर रहें, व्यर्थ मत निकले,
बात भली यह माने।
इसकी चैन न बनने देंगे
हम सब मन में ठाने।
जो गलती जग करता आया,
वह गलती अब हो ना।

सब आरोग्य सेतु को निश्चित
डाउनलोड करेंगे।
कहीं न पैनिक फैले बिल्कुल
इसका ध्यान धरेंगे।
सजग नागरिक बनकर इसको
सब कमजोर करो ना।

है हमको विश्वास साथियों,
होगी जीत हमारी।
कोरोना हारेगा देखेगी,
यह  दुनिया सारी।
फिर से सबके ही दिन बहुरें,
महके कोना कोना।
हारेगा कोरोना, बिल्कुल
हारेगा कोरोना।

डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'
प्राध्यापक एवम
विभागाध्यक्ष,
शिक्षक शिक्षा विभाग,
आर. पी. कालेज, मीरगंज, बरेली 

1 टिप्पणी:

सतीश मिश्र ने कहा…

वाह-वाह
आपने तो मानो इसका नास करने का प्रण लें लिया है।