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सोमवार, 16 सितंबर 2013

शलजम

शिशुगीत : डॉ. नागेश पांडेय 'संजय'
शलजम की सब्जी न्यारी,
खाती है दुनियाँ सारी.
दादी तो कच्चा खातीं, 
दादा खाते तरकारी. 
शलजम मुझको भाती है, 
शलजम खून बढ़ाती है.
शलजम जो तुम खाओगे, 
लाल लाल हो जाओगे.  


1 टिप्पणी:

Vandana Ramasingh ने कहा…

सार्थक सन्देश देती रचना