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गुरुवार, 17 मार्च 2011

होली आई : बालगीत : डा. नागेश पांडेय ' संजय '





बालगीत :  डा. नागेश पांडेय संजय '
चित्र में सलोनी 
बाबा! बाबा! कंडा दो
दादी! दादी! कंडा दो
बड़के चाचा! कंडा दो
मँझली चाची! कंडा दो
भैया! भैया! कंडा दो
भौजी! भौजी! कंडा दो
पचक लगीपचकंडा दो,
होली आईकंडा दो!

कंडा दो जी कंडा दो,
हाँहाँ जल्दी कंडा दो!
अगर न कंडालट्ठा दो
लकड़ी का वह गट्ठा दो,
कुछ तो देना ही होगा,
चाहे छोटा डंडा दो।
कंडा दो जीकंडा दो,
पचक लगीपचकंडा दो!

कंडे खूब जलाएँगे,
होली खूब मनाएँगे,
हिल-मिल नाचे-गाएँगे,
जोर-जोर चिल्लाएँगे-
होली है जीहोली है
हम मस्तों की टोली है
करती खूब ठिठोली है,
बुरा न मानो होली है।
लेकिन भैया! देर नहीं,
दोहोली का चंदा दो।
कंडा दो जीकंडा दो,
पचक लगीपचकंडा दो।

जले होलिका धू-धू-धू
हम सब उछलेंहू-हू-हू
दहन होलिका बने अजब,
जो देखेसो कहे-गजब!
मिलकर घूमेंचारों ओर
होली है।’ का हो बस शोर,
फिर हो रंगों की बौछार,
पिचकारी से बरसे प्यार।
नया रंग होली पाए,
इसे नया तुम फंडा दो।
चित्र में सौम्या 
कंडा दो जीकंडा दो,
होली आईकंडा दो।

11 टिप्‍पणियां:

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल गीत...बचपन फिर ताज़ा कर दिया..होली की हार्दिक शुभकामनायें

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर ....होली की हार्दिक शुभकामनायें

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन...

Er. सत्यम शिवम ने कहा…

आपकी उम्दा प्रस्तुति कल शनिवार (19.03.2011) को "चर्चा मंच" पर प्रस्तुत की गयी है।आप आये और आकर अपने विचारों से हमे अवगत कराये......"ॐ साई राम" at http://charchamanch.blogspot.com/
चर्चाकार:Er. सत्यम शिवम (शनिवासरीय चर्चा)

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

पुराना ज़माना याद आ गया ...उम्दा प्रस्तुति ..

अजय कुमार ने कहा…

सुंदर होली गीत ,

सुरक्षित , शांतिपूर्ण और प्यार तथा उमंग में डूबी हुई होली की सतरंगी शुभकामनायें ।

Shubham Jain ने कहा…

bahut sundar baal - get...

holi ki shubhkamnaye.

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

अभिनव सृजन की ओर से आप सब को होली की हार्दिक शुभकामनायें

dr.balveer sharma ने कहा…

holi hi kanda do kavita achi lagi

Unknown ने कहा…

सूंदर गीत। बधाई सर।

Unknown ने कहा…

सूंदर गीत। बधाई सर।