किशोर - कविता : नागेश पांडेय 'संजय'
जय जय सुभाष ! जय जय सुभाष !
जब भारत में था अंधकार,
गोरे करते थे कुटिल राज.
थी फूट यहाँ ,थी लूट यहाँ
था विवश यहाँ सारा समाज.
तब तुमने नयी चेतना का,
फूँका जन-जन में त्याग-मंत्र.
'तुम मुझे खून दो, मैं दूँगा ,
मित्रों, तुमको भारत स्वतंत्र.
तब ही, हो पाएगा विकास'.
जय जय सुभाष ! जय जय सुभाष !
सब मचल पड़े, सब निकल पड़े
आजाद हिंद तब फ़ौज बनी,
क्या युवक-युवतियाँ, क्या बालक !
तब जंग सभी की मौज बनीं.
जो बढ़ा काफिला, रुका नहीं,
था लक्ष्य एक, बस आजादी.
छिड़ गया युद्ध फिर घमासान,
गोरों ने देखी बर्बादी.
वे थे हताश, वे थे निराश.
जय जय सुभाष ! जय जय सुभाष !
था तुम में बल, साहस अटूट,
थी अद्भुत ही संकल्प शक्ति.
तुम रहे न, लेकिन जगा गए,
जन-जन के मन में राष्ट्र-भक्ति.
तुम क्रांतिवीर, पर शांत, धीर,
तुम धरती के सच्चे सपूत.
थे मोह, प्रीति से विमुख, सजग,
तुम क्रांति-समर के अग्रदूत.
तुमसे जग ने पाया प्रकाश.
जय जय सुभाष ! जय जय सुभाष !
यह कविता कक्षा पाँच की हिंदी पाठ्य पुस्तक 'आलोक भारती' में विगत बारह वर्षों से संकलित है.
चित्र साभार गूगल खोज
16 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर रचना ... नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को नमन
प्रेरक रचना ...
तुम क्रांतिवीर, पर शांत, धीर,
तुम धरती के सच्चे सपूत.
थे मोह, प्रीति से विमुख, सजग,
तुम क्रांति-समर के अग्रदूत.
जय सुभाष
नमन!
नमन देश के सच्चे सपूत को।
नमन देश के सच्चे सपूत को।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को नमन ||
सुन्दर रचना..नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को नमन
नेताजी को नमन....
सादर नमन...
Pandey ji bahut hi sundar rachana .....nishchay hi apki yah rachana sangrahneey hai....badhai sweekaren.....sath hi gantantr diwas pr pr bhi
कविता देशभक्त की गाथा व देशभक्ति से ओतप्रोत है । कुटिल राज्य तो अब भी है । इस प्रकार की कवितायें ही सोते सिंहों को जगा सकेंगी ताकि वे कुटिलता ,विद्रूपताऔर विसंगतियों से लोहा ले सकें ।
बहुत सुन्दर रचना प्रकाशित की है आपने!
नेता जी को नमन!
नागेश जी, आप की रचनाओं से आज परिचित हुआ और दिल से मैं प्रसन्न हुआ...बहुत बहुत बधाई...
आज आपकी सभी रचनाएँ पढ़ने की फुर्सत निकाली है।
बाल और किशोर रचनाओं का भरपूर आनंद ले रहा हूँ।
आपकी रचनाओं को गा-गाकर काफी समय से खुद के सोये कवि को जगाने का इरादा है।
श्रेष्ठ बाल रचनाएँ इधर-उधर पढ़ने को ब्लॉग- जगत में घूम रहा हूँ।
बहुत सुंदर।
एक टिप्पणी भेजें