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मंगलवार, 15 फ़रवरी 2011

कब तक कब तक




कब तक कब तक
बालगीत : डा. नागेश पांडेय ' संजय ' 

भूख लगी है,
कब तक कब तक?
खाना-पानी, दें ना नानी
जब तक जब तक, तब तक तब तक।

टीचर से डर,
कब तक कब तक?
रहे अधूरा होम वर्क जी!
जब तक जब तक, तब तक तब तक।

रिमझिम रिमझिम 
कब तक कब तक?
बादल के झोलों में है जल,
जब तक जब तक, तब तक तब तक।

कहो अँधेरा
कब तक कब तक?
हो ना जाये सुखद सवेरा
जब तक जब तक, तब तक तब तक।

मेल-दोस्ती
कब तक कब तक?
जब तक झगड़े को हम रगड़ें
तब तक तब तक, तब तक तब तक।

वीरों की जय
कब तक कब तक?
जब तक सूरज, चाँद, सितारे
तब तक तब तक, तब तक तब तक।

ये सवाल जी
कब तक कब तक?
दे पायें जब तक जवाब हम,
तब तक तब तक, तब तक तब तक।

कब तक कब तक? कब तक कब तक?
जब तक जब तक, तब तक तब तक।
चित्र : गूगल सर्च से साभार

7 टिप्‍पणियां:

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सुंदर बाल गीत .....

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत सुन्दर बाल गीत..

ममता त्रिपाठी ने कहा…

बहुत ही सुन्दर बालगीत..............

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर बालगीत!
इसकी सीधी व सरल भाषा मन को छू गई!

Shalini kaushik ने कहा…

bahut sundar.

डॉ. नागेश पांडेय संजय ने कहा…

आप सभी को हार्दिक धन्यवाद ।

Unknown ने कहा…

रोचक - मनोरंजक