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रविवार, 16 जनवरी 2011

रविवार का दिन

बाल गीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय'

मैं क्या मेरे सारे साथी
करते हैं इकरार,
सभी दिनों में सबसे अच्छा
दिन होता रविवार ।

चाहो तो घर पर खेलो या
फिर पिकनिक पर जाओ,
चाहो नजदीक गाँव की
सैर करो, हरषाओ।

कहने का मतलब, जो चाहो
हँस कर कर लो यार!
सभी दिनों में सबसे अच्छा
दिन होता रविवार ।

पापा-मम्मी दोनों का ही
प्यार मजे से पाओ,
कुछ खाओ तो उनके हाथों
बारी-बारी खाओ।

सोना हो तो माँ से मांगो
थपकी और दुलार,
सभी दिनों में सबसे अच्छा
दिन होता रविवार ।

काम क्लास का करना कितना
देखो झट कर डालो,
तुम अच्छे हो इसीलिए कुछ
पढ़-लिखा दोहरा लो।

हँसी, ज्ञान-विज्ञान के लिए
पढ़ो कोई अखबार,
सभी दिनों में सबसे अच्छा
दिन होता रविवार ।

2 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

बहुत प्यारी बाल कविता ...

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

बहुत प्यारी लगी रविवार की कविता ....