शिशु गीत : डा. नागेश पांडेय ' संजय '
चित्र साभार :गूगल सर्च
कड़ी ठण्ड में बिल्ली ने,
थर्राता चूहा पकड़ा .
दस्तानें पहने पंजों में ,
कसकर उसको जकड़ा .
घर पहुँची झट गैस जलाई ,
उस पर रखी कढाई.
घी उड़ेल ठंडे चूहे को ,
डाला उसमे भाई .
गर्मी पाकर ठंडा चूहा ,
शेर बना गुर्राया .
ऐसा भागा ऐसा भागा ,
हाथ नहीं फिर आया .
3 टिप्पणियां:
Shisu geet padhkar khub hasi aai . Badhai Sheelu Sharma Bareilly
Sir
Shisu geet bahut bahut acha he . Sheelu
sundar shushu geet . virendra kumar , fatehganj , bareilly
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