हन्नी-हन्नी-हन्नी कागा ले चवन्नी , कर मेरे सँग हन्नी हन्नी-हन्नी-हन्नी . आ, रे - आ, रे - आ, रे कारे कागा आ रे , आ रे , कागा आ रे . मेरे संग नहा रे . उजला तू हो जा रे , गोरा तू हो जा रे , आ रे कागा आ रे कारे कागा आ रे . मुझको नहीं नहाना . नाम हमारा कलुआ , नाम तुम्हारा ललुआ . हम -तुम कलुआ -ललुआ , आओ मिलकर खाएँ , गरम-गरम हलुआ , नरम-नरम हलुआ . ललुआ बोला- जा तू , बातें नहीं बना तू , लालच मत दिखला तू , मत मुझको समझा तू मैं हूँ अच्छा बच्चा , काम न करता कच्चा . मुझे न हलुआ खाना , पहले मुझे नहाना . जा-जा तेरी छुट्टी , कागा ! तुझसे कुट्टी . जनम भरे की कुट्टी , कुट्टी-कुट्टी-कुट्टी . |
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बुधवार, 25 मई 2011
हन्नी-हन्नी-हन्नी
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10 टिप्पणियां:
जा-जा तेरी छुट्टी ,
कागा ! तुझसे कुट्टी .
जनम भरे की कुट्टी ,
कुट्टी-कुट्टी-कुट्टी .bahut hi natkhat si rachna
बालसुलभ प्यारी रचना!
बाल गीत बहुत सुन्दर और मजेदार हैं ।
लोकभाषा और लोकसंगीत का बढ़िया इस्तेमाल। सुंदर कविता। पढ़कर मन खुश हो गया नागेश। सस्नेह, प्र.म.
इस तरह की सरल और सहज कविताएँ बहुत कम लिखी जा रही हैं ; कारण -कविगण बच्चों के लिए लिखना सरल मानकर चल रहे हैं , जबकि बच्चों के लिए लिखना कठिन है । यह कविता बच्चे ज़रूर गुनगुनाए । बहुत बधाई
बहुत प्यारी रचना...
मजा आ गया कविता पढकर।
बधाई।
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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस।
सहृदय और लगनशीन ब्लॉगर प्रकाश मनु।
sunder bal geet
बहुत सुंदर बल गीत जी धन्यवाद
बहुत सुन्दर और प्यारा बाल गीत लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com
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